One who abandons all desires and becomes free from longing and the feeling of ‘I’ and ‘my’ attains peace.
वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांती प्राप्त होती है
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